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इस्केमिक आंत्र रोग

छोटी आंत की रुकावट के टॉप डॉक्टर 1

इस्केमिक आंत्र रोग (या इस्केमिक बावेल रोग – Ischemic bowel disease) एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंतों को पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं मिलता है। ऐसा तब होता है जब आंतों की नसों या धमनियों में कोई अवरुद्ध आ जाता है। यह बड़ी आंत या छोटी आंत में हो सकता है। इससे पेट दर्द, मतली, दस्त, और अन्य लक्षण पैदा हो सकटेर हैं।

  • निम्न जैसे लक्षण हो सकते हैं:

    • पेट दर्द – यह हल्का या गंभीर यानी के तीव्र भी हो सकता है। यह:
    •  अचानक शुरू हो, या कई दिनों या वर्षों से होते रहता हो।
    •  खाने के 1 घंटे बाद शुरू हुआ हो, और लगभग 2 घंटे तक चालू रहता हो। कई बार भारी भोजन करने के बाद यह दर्द और भी बदतर हो सकता है।
    • मतली, उल्टी या दोनों
    • मल त्याग में रक्त – खूनी दस्त भी हो सकते हैं
    • वजन कम होना, जब वजन कम करने की कोशिश नहीं कर रहे हो
    • खाने की समस्याएँ, जैसे:
    •  भोजन का डर – खाने की इच्छा न होना, क्योंकि कुछ भी खाने के बाद दर्द शुरू हो जाता है
    •  भोजन करते समय बहुत जल्दी ही पेट भर जाना या पूर्ण महसूस होना

हाँ। डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे, और एक परीक्षण भी करेंगे। वह एक या एक से अधिक परीक्षणों का भी आदेश दे सकते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:

  • एक्स-रे (X-ray) , सीटी स्कैन (CT scan) या पेट का अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – ये इमेजिंग परीक्षण हैं जो आपके शरीर के अंदर की तस्वीरें बनाते हैं। वे लक्षणों का कारण दिखाने में मदद कर सकते हैं।
  • रक्त परीक्षण यानी के रक्त टेस्ट [ब्लड टेस्ट (Blood Test)] – ये शरीर में पर्याप्त पोषण नहीं होने के लक्षण दिखा सकते हैं। अथवा, यह कोई और रोग या स्थिति इन लक्षणों का कारण है यह भी खोज के बता सकती है।
  • टेस्ट जिसे “एंडोस्कोपी (endoscopy)“, “ अपर (यानी ऊपरी) एंडोस्कोपी (upper endoscopy)“,  “सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy)”, या “कोलोनोस्कोपी (colonoscopy)” कहा जाता है – इन परीक्षणों के लिए, डॉक्टर आपके — गले में से आपके पेट तक, या फिर आपके मलाशय में से होकर और आपके कोलन में — एक पतली ट्यूब डालते हैं। इस ट्यूब में एक कैमरा लगा होता है जिससे डॉक्टर आपके शरीर के अंदर देख सकते हैं। 

ट्यूब में, इसके साथ जुड़े उपकरण भी होते हैं, जिनका उपयोग डॉक्टर ऊतक या टिश्यू (tissue sample) के नमूने लेने के लिए कर सकते हैं। ये नमूने, कोई भी समस्याओं की जाँच के लिए प्रयोगशाला में भेजे जा सकते हैं।

  • “एंजियोग्राम” (angiogram) नामक एक परीक्षण – इस परीक्षण के लिए, डॉक्टर एक डाई इंजेक्ट करते हैं, उन वाहिकाओं में जो आंत्र में रक्त ले जाती हैं। इमेजिंग टेस्ट जैसे सीटी (CT), एमआर (MR), या फ्लोरोस्कोपी (fluoroscopy) (एक चलती एक्स-रे) के उपयोग करके इस डाई को देखा जा सकता है। 

यह सभी परीक्षण दिखा सकते हैं कि — क्या आंत्र के चारों ओर की धमनियां में कोई अवरुद्ध है या नहीं। यदि वे अवरुद्ध हैं, तो यह आंत्र का कौनसे हिस्सा को पर्याप्त रक्त प्राप्त करने से रोक के रक्खा है।

  • लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy) – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो डॉक्टर ऑपरेटिंग रूम में करते हैं। पेट के नाभि के पास डॉक्टर एक छोटा सा चिर लगातें हैं। फिर वह उस चिरे के माध्यम से शरीर के अंदर “लैप्रोस्कोप” (Laparoscope) नामक एक छोटा उपकरण डालतें हैं। डॉक्टर लेप्रोस्कोप के माध्यम से यह देखतें हैं कि, क्या वह लक्षणों का कारण खोज सकते हैं या नहीं।
  • इस्केमिक बावेल रोग के उपचार निम्न विषयों पर निर्भर करता है:

    • “रक्त वाहिकाओं को क्या अवरुद्ध कर रहा है?”
    • “किस प्रकार की वाहिकाएं अवरुद्ध है?” — कोई एक धमनी (जो आंत्र में रक्त लाती हैं) या कोई एक नस (जो आंत्र से रक्त ले जाती हैं)।
    • क्या लक्षण अचानक से शुरू हुए थे, या लंबे समय से मेह्सूस हो रहे हैं?

    इस्केमिक बावेल रोग से पीड़ित अधिकांश लोगों को अस्पताल में उपचार की आवश्यकता होती है। अस्पताल में, डॉक्टर निम्न में से चीज़ें कर सकते हैं:

    • आपको एक छोटी ट्यूब — जो आपके नस में जाती है, और इसे “आइ वही” (IV) कहा जाता है — के माध्यम से तरल पदार्थ और पोषण देते हैं 
    • आपकी नाक में से एक पतली नलिका — जिसे “नासोगैस्ट्रिक ट्यूब” (nasogastric tube) कहते हैं — आपकी अन्नप्रणाली से होकर आपके पेट तक डालेंगे। यदि आपके पेट या आंतों में अतिरिक्त तरल पदार्थ और हवा है, तो यह ट्यूब इसे चूस के खिंच ले सकती है। इससे आप बेहतर महसूस करेंगे, और आपको उल्टी होने से बचाने में राहत मिलेगी।

    कुछ अन्य उपचार ऐसे हो सकते हैं:

    • आपकी अवरुद्ध धमनी को खोलने के लिए एक ख़ास प्रक्रिया
    • वाहिकाएं में जमे हुए थक्के को कम करने के लिए एंटी-क्लॉटिंग (Anti-clotting) दवाएं (जिन्हें कभी-कभी “ब्लड थिनर्स” (blood thinners) भी कहा जाता है)
    • अगर आपके आंत्र का हिस्सा स्वस्थ नहीं है, तो उस आंत्र का हिस्सा को सर्जरी के द्वारा बाहर निकालना

    ये उपचार आंत्र को फिर से सही ढंग से काम करने में सहाय कर सकते हैं।

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Dr. Harsh J Shah

Exclusive Health Tips and Updates

Dr Harsh Shah - GI & HPB Oncosurgeon in India
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