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1) रोबोटिक सर्जरी क्या हे ?
रोबोट सर्जरी तो करता है, लेकिन उसके पास अपना दिमाग नहीं होता है,यह हमारे आदेशों का पालन करता है। रोबोट शब्द झेक (Czech) भाषा का शब्द है, जिसका अगर हम इसका अनुवाद करें मतलब एक ऐसा निर्माण जो हमारे आदेशों को माने और उनका पालन करे।
अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग इतनी विकसित नहीं है कि रोबोट खुद ऑपरेशन कर सकें। इसे हर पल हमारे आदेशों की आवश्यकता होती है, तभी वह अपना कार्य कर सकता है।
2) रोबोटिक सर्जरी का इतिहास क्या है?
पहले टेलीसर्जरी का कॉन्सेप्ट आया था। टेलीसर्जरी का मतलब है कि कोई भी विशेषज्ञ सर्जन एक देश में बैठकर दूसरे देश में मरीज का ऑपरेशन कर सकता है। मूलतः इसका उपयोग इस प्रकार किया जाता था कि युद्ध के मैदान में विशेषज्ञ सर्जन उपलब्ध न हों तब घायल सैनिक का ऑपरेशन किया जा सके।
लेकिन धीरे-धीरे पता चला कि इस मशीन से ऑपरेशन इतने सटीक होते थे कि दैनिक ऑपरेशन कक्ष में भी रोबोट का इस्तेमाल होने लगा। लेकिन मैं संक्षिप्त में कह सकता हूं कि रोबोट अकेले ऑपरेशन नहीं कर सकता सर्जन की आवश्यकता तो है। यह एक पारंपरिक ऑपरेशन की तरह है, जो हम करते आ रहे हैं लेकिन रोबोट के साथ से यह ऑपरेशन अधिक सटीकता से किया जाने लगा है।
3) रोबोटिक सर्जरी, ओपन और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से किस प्रकार भिन्न है?
ओपन सर्जरी चीरा रखकर की जाती है, अगर पेट के ऑपरेशन की बात करें तो पेट में बड़ा चीरा लगाकर ऑपरेशन करना पड़ता है है। अगर लैप्रोस्कोपी की बात करें तो इसमें छोटे-छोटे छेद करके और उसमें पतले उपकरण रखकर ऑपरेशन किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी में भी छोटे-छोटे छेद करके ऑपरेशन किया जाता है। छिद्र के बिना ऑपरेशन करना शक्य नहीं हे।
लेकिन लेप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं। जैसे की एक उदाहरण देता हु की हम अगर दस बार सुई में धागा परोने की कोशिश करेंगे तो दस में से २ या ३ बार फ़ैल हो जायेंगे। इसके दो कारण हैं, हमारे हाथों में हल्का सा कंपन है, और हमारी आंखें भी उतनी तेज़ नहीं हैं। जब हम रोबोट को ऐसा करने के लिए कहेंगे तो वह दस में से दस बार यह काम कर देगा। ज़ाहिर है कि इसका फायदा हमारे मरीज को ऑपरेशन में मिलेगा।
अब दूसरी बात करते हे की रोबोट के जो उपकरण हे वो बोहोत अद्वितीय (यूनिक) हे, यूनिक इसलिए क्युकि उन उपकरणों की जो धार(टिप) होती हे उनको ३६० डिग्री (अंश) तक घुमाया जा सकता है। लेप्रोस्कोपिक या ओपन सर्जरी में ऐसे उपकरण अपने पास उपलब्ध नहीं हैं। उपकरण लंबे और फ्लेक्सिबल (लचीले) होते हैं, इसलिए यदि हमें शरीर के किसी भी कोने तक पहुंचना हो तो हम वहां तक पहुंच सकते हैं और किसी भी एंगल (कोण) पर घुमाकर ऑपरेशन करना चाहे तो संभव है। तो इस तरह से रोबोटिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से अलग होती है।तीसरी बात यह हैं की रोबोटिक सर्जरी में इस्तेमाल किया जाने वाला कैमरा 3D है। हम सब 2D और 3D फिल्मो से परिचित हे। 3D फिल्मो से गहराई की धारणा (डेप्थ परसेप्शन) बढ़ती है। यदि हम एक आंख से गाड़ी(कार) चलाते हैं, तो वह काफी मुश्किल होता है, इसकी तुलना में दो आंख से गाड़ी चलाते हैं तो कितना फर्क महसूस होता हे। यह गहराई की अनुभूति पे आधारित है। तो यही फायदा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में मिलता है। साथ ही, इसके कैमरे भी हाई डेफिनिशन और १० गुना मैग्निफिकेशन देते हे, मतलब दस गुना ज़्यादा बड़ा पिक्चर दिखाई देता हे. मतलब जब भी हम ऑपरेशन करते है, तब कैमरा उतना नज़दीक ले जाकर इतनी सटीकता से छोटे छोटे अंग भी इतने बड़े देखकर इतनी सरलता से ऑपरेशन कर सकते हे जिसका अंत में फायदा दर्दी को होता हे।
4) रोबोटिक सर्जरी से दर्दी को क्या फायदे या लाभ होते हे?
- रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन छोटे छोटे छेद के जरिए किया जाता है, जिससे मरीज को दर्द कम होता है, और दर्द कम होगा तो दर्द की दवाईया कम लेनी पड़ती हे।
- यह ऑपरेशन इतनी चौकसाई (सचोटता ) से होता हे की जिसके कारण आसपास के सामान्य अंगोमे नुकसान नहीं होता, और उसकी वजह से कम ब्लीडिंग होने के कारन खून चढाने की ज़रूरत कम हो जाती हे। पेहले कुछ ऑपरेशनों में हम नियमित रूप से खून चढ़ाते (रक्त-आधान) थे, खास रूप से कैंसर की बड़ी सर्जरी में। अब उसकी ज़रूर बिल्कुल कम हो गई हे।
- मरीज़ की रिकवरी बहुत फ़ास्ट हो जाती हे। जैसे पहले ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना करे तो ७ दिन में छुट्टी मिलती थी उसके बदले रोबोटिक सर्जरी में ५ दिन में छुट्टी मिल जाती हे। और इन्फेक्शन की मात्रा भी बहुत कम हो गई हे।
5) रोबोटिक सर्जरी से डॉक्टर्स को क्या फायदे होते हे?
- जीन उपकरणो का इस्तेमाल रोबोटिक सर्जरी में होता हे वो काफी लम्बे होते हे और फ्लेक्सिबल होते हे, जिससे हम उन जगहों पर पहुंच सकते हे जहा पहले हम नही पहुंच सकते थे या बड़ी मुश्किल से पहुँचते थे, जिसकी वजह से ऑपरेशन मुश्किल हो जाता था जो रोबोटिक सर्जरी से आसान हो जाता हे।
- ये ऑपरेशन बोहोत सटीक हे।
- तीसरी महत्वपूर्ण बात ये हे की रोबोटिक सर्जरी में जो टांके (स्यूचरिंग ) लगते हे वो प्रक्रिया बोहोत सटीक तरीके से होती हे। और टांके अगर सटीक तरीके से लगते हे तो लीकेज नहीं होता। क्युकी लीकेज ऑपरेशन के बाद काफी तकलीफ कर शकता है। और अब तो रोबोटिक सर्जरी में स्टेपलर्स का इस्तेमाल होता हे. वो फ़ास्ट भी होता हे और सटीक भी।
6) रोबोटिक सर्जरी कैसे होती हे?
रोबोटिक सर्जरी की प्रक्रिया नोर्मल ऑपरेशन की प्रक्रिया जैसी ही होती हे। वही ऑपरेशन थिएटर में होती हे. ऑपरेशन थिएटर की आसपास की सभी साधन-सामग्री वैसी ही होती हे। दैनिक रूप से जिस तरह मरीज़ को एनेस्थीसिया देते हे वैसे ही इस ऑपरेशन में भी देते हे। ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाले सर्जिकल असिस्टंट, नर्सिंग असिस्टंट सबकी पोजीशन मरीज़ के पास वैसी ही रेहती हे। फर्क सिर्फ इतना हे की सर्जन मरीज़ के पास खड़े रहने के बजाय पास में एक कंप्यूटर पर बैठता हे, जिसे सर्जन कंसोल कहा जाता हे। पहले तो एनेस्थीसिया देने के बाद मरीज़ के पेट में छोटे छोटे छिद्र करके रोबोटिक उपकरणको मरीज़ के शरीर में दाखिल किया जाता हे। फिर सर्जन कंसोल पर बैठकर कंप्यूटर को कमांड देता हे। उंगलियों की मूवमेंट्स से और पैर के पास जो बटन्स और कंट्रोल्स दिये गए हे उसका इस्तेमाल करके रियल टाइम में ये सभी संकेत मरीज़ के पेट में रखे गए रोबोटिक उपकरणों की टिप पर ट्रान्सफर होते हे। और वो भी रियल टाइम मे बिना विलम्बन(लेग) के। मतलब की सर्जन जैसे चाहे वैसे उपकरण अंदर घूमते हे। रोबोट के चार आर्म्स होते हे मतलब की चार उपकरण मरीज़ के शरीर में दाखिल किये जाते हे। इन चार उपकरण की मदद से सर्जन बोहोत अच्छा काम कर सकते हे।
7) कोनसे प्रकार की सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी की जा सकती हे?
शरीर के अलग अलग सिस्टम के हिसाब से अलग अलग प्रकार के रोबोट उपलब्ध हे। और बोहोत सारे अलग अलग कंपनी के रोबोट उपलब्ध हे। ब्रेन और स्पाईन के लिए अलग तरह के रोबोट उपलब्ध हे, हड्डियों के ऑपरेशन के लिए भी अलग तरह के रोबोट उपलब्ध हे। जिस तरह के रोबोट हम इस्तेमाल करते हे मतलब के पेट और छाती के ऑपरेशन में जो रोबोट इस्तेमाल होता हे वो एक जैसा ही होता हे। ये रोबोटिक सिस्टम २५ वर्षो से अमल में हे। और २५ वर्षो में इनमे बोहोत सरे बदलाव आये हे और इम्प्रूवमेंट आये हे। जैसे की कम्प्यूटर्स, हम जानते हे की पहले कम्प्यूटर्स कितने बड़े होते थे और अब कितने छोटे और ज़्यादा पावरफुल बन गए हे। हम जो सिस्टम इस्तेमाल कर रहे हे वो अभी सबसे उत्तम सिस्टम हे। ये अभी पूरी दुनिया में १८०० से ज़्यादा हॉस्पिटल्स में इनस्टॉल्ड हे। इसका उपयोग में अन्ननली, जठर, आंत , लिवर और अग्न्याशय(पेन्क्रियास) के ज़्यादातर कैंसर के ऑपरेशन में करता हु। मेरे साथी सर्जन्स किडनी, पेशाब की थैली, प्रोस्टेट, गर्भाशय के ऑपरेशन में इसका इस्तेमाल करते हे। छाती के ऑपरेशन जैसे की लंग्स और हार्ट के ऑपरेशन में भी इसका इस्तेमाल होता हे। ये एक ही तरह का रोबोट होता हे जो बॉडी कैविटी में काम करता हे। २५-३० % सर्जेरी रोबोट से हो सकती हे।
8) रोबोटिक सर्जरी की क्या मर्यादा हे?
- कुछ सर्जरी के लिए ये श्रेष्ठ हे, लेकिन कुछ सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल नहीं किया जाता जैसे की बड़े या एडवांस्ड ट्यूमर्स। इन केसीस में रोबोटिक सर्जरी से मरीज़ को फायदा नहीं होता. ऐसे ऑपरेशन हम ओपन सर्जरी करना ज़्यादा प्रेफर करते हे।
- रोबोटिक सर्जरी एक नई तकनीक हे. इसे सिखने में सर्जन को समय लगता है, उसके असिस्टंट को भी सीखना पड़ता हे और ऑपरेशन थिएटर के सभी स्टाफ को भी सीखना पड़ता हे। ये सिखने की प्रक्रिया कुछ महीनो से साल तक की होती हे। लप्रोस्कोपिक सर्जरी में ये सिखने की प्रक्रिया ज़्यादा लम्बी होती हे। जबकि रोबोटिक सर्जरी में सिखने की प्रक्रिया ज़्यादा लम्बी नहीं होती। क्युकी इस तकनीक में इतने सरे सुरक्षात्मक मैकेनिज्म हे की अगर आप कोई गलती करते हो तो वो आपको रोक देता हे जबकि लेप्रोस्कोपी में ऐसा नहीं होता। लेप्रोस्कोपी सर्जरी में अगर आप कोई गलती करते हो तो वो आपको रोकने के लिए कोई मेसेज नहीं आता जबकि रोबोटिक सर्जरी में अगर कोई गलती हो तो एरर मेसेज भी आता हे और वो रोक भी देता हे, मूवमेंट ही आगे नहीं बढ़ती।
- रोबोट के जो मशीन हे वो बोहोत मेहेंगे हे, और उनको संभालना भी मेहेंगा हे। इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण उसका खर्च मरीज़ को चुकाना पड़ता हे। इसलिए रोबोटिक सर्जरी का खर्च सामान्य सर्जरी की तुलना में २०-२५ % बढ़ जाता हे। जिसके सामने इसके फायदे ये हे की मरीज़ को दर्द काम होता हे, रिकवरी बोहोत फ़ास्ट होती हे। वो ड्यूटी जल्दी जोइन कर सकता हे, उसके रिश्तेदार भी सामाजिक जिम्मेदारी में से जल्दी फ्री हो सकते हे, और वो लोग भी अपनी ड्यूटी जोइन कर सकते हे। अगर ओवरऑल फायदा देखने जाते हे तो खर्चा इतना बड़ा फैक्टर नहीं हे।
- और आखिर में ये एक मशीन हे। इसमें हजारो छोटे छोटे यंत्र जोड़े गए हे और ये सॉफ्टवेयर के माध्यम से चलता हे। इसमे सॉफ्टवेयर होता हे वो दैनिक रूप से अपडेट होता हे। कभी ऐसा हो सकता हे की इस सॉफ्टवेयर में या यंत्रो में कुछ खराबी आये और मशीन काम करना बांध करदे। ऐसा कभी मैंने देखा नहीं हे, या सुना नहीं हे, पर इस तरह की संभावना का हमें ध्यान हे। और ऐसा कुछ होने पर हम पहले से ही तैयार रहते हे।
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1) रोबोटिक सर्जरी क्या हे ?
रोबोट सर्जरी तो करता है, लेकिन उसके पास अपना दिमाग नहीं होता है,यह हमारे आदेशों का पालन करता है। रोबोट शब्द झेक (Czech) भाषा का शब्द है, जिसका अगर हम इसका अनुवाद करें मतलब एक ऐसा निर्माण जो हमारे आदेशों को माने और उनका पालन करे।
अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग इतनी विकसित नहीं है कि रोबोट खुद ऑपरेशन कर सकें। इसे हर पल हमारे आदेशों की आवश्यकता होती है, तभी वह अपना कार्य कर सकता है।
2) रोबोटिक सर्जरी का इतिहास क्या है?
पहले टेलीसर्जरी का कॉन्सेप्ट आया था। टेलीसर्जरी का मतलब है कि कोई भी विशेषज्ञ सर्जन एक देश में बैठकर दूसरे देश में मरीज का ऑपरेशन कर सकता है। मूलतः इसका उपयोग इस प्रकार किया जाता था कि युद्ध के मैदान में विशेषज्ञ सर्जन उपलब्ध न हों तब घायल सैनिक का ऑपरेशन किया जा सके।
लेकिन धीरे-धीरे पता चला कि इस मशीन से ऑपरेशन इतने सटीक होते थे कि दैनिक ऑपरेशन कक्ष में भी रोबोट का इस्तेमाल होने लगा। लेकिन मैं संक्षिप्त में कह सकता हूं कि रोबोट अकेले ऑपरेशन नहीं कर सकता सर्जन की आवश्यकता तो है। यह एक पारंपरिक ऑपरेशन की तरह है, जो हम करते आ रहे हैं लेकिन रोबोट के साथ से यह ऑपरेशन अधिक सटीकता से किया जाने लगा है।
3) रोबोटिक सर्जरी, ओपन और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से किस प्रकार भिन्न है?
ओपन सर्जरी चीरा रखकर की जाती है, अगर पेट के ऑपरेशन की बात करें तो पेट में बड़ा चीरा लगाकर ऑपरेशन करना पड़ता है है। अगर लैप्रोस्कोपी की बात करें तो इसमें छोटे-छोटे छेद करके और उसमें पतले उपकरण रखकर ऑपरेशन किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी में भी छोटे-छोटे छेद करके ऑपरेशन किया जाता है। छिद्र के बिना ऑपरेशन करना शक्य नहीं हे।
लेकिन लेप्रोस्कोपिक और ओपन सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी के कई फायदे हैं। जैसे की एक उदाहरण देता हु की हम अगर दस बार सुई में धागा परोने की कोशिश करेंगे तो दस में से २ या ३ बार फ़ैल हो जायेंगे। इसके दो कारण हैं, हमारे हाथों में हल्का सा कंपन है, और हमारी आंखें भी उतनी तेज़ नहीं हैं। जब हम रोबोट को ऐसा करने के लिए कहेंगे तो वह दस में से दस बार यह काम कर देगा। ज़ाहिर है कि इसका फायदा हमारे मरीज को ऑपरेशन में मिलेगा।
अब दूसरी बात करते हे की रोबोट के जो उपकरण हे वो बोहोत अद्वितीय (यूनिक) हे, यूनिक इसलिए क्युकि उन उपकरणों की जो धार(टिप) होती हे उनको ३६० डिग्री (अंश) तक घुमाया जा सकता है। लेप्रोस्कोपिक या ओपन सर्जरी में ऐसे उपकरण अपने पास उपलब्ध नहीं हैं। उपकरण लंबे और फ्लेक्सिबल (लचीले) होते हैं, इसलिए यदि हमें शरीर के किसी भी कोने तक पहुंचना हो तो हम वहां तक पहुंच सकते हैं और किसी भी एंगल (कोण) पर घुमाकर ऑपरेशन करना चाहे तो संभव है। तो इस तरह से रोबोटिक सर्जरी लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से अलग होती है।तीसरी बात यह हैं की रोबोटिक सर्जरी में इस्तेमाल किया जाने वाला कैमरा 3D है। हम सब 2D और 3D फिल्मो से परिचित हे। 3D फिल्मो से गहराई की धारणा (डेप्थ परसेप्शन) बढ़ती है। यदि हम एक आंख से गाड़ी(कार) चलाते हैं, तो वह काफी मुश्किल होता है, इसकी तुलना में दो आंख से गाड़ी चलाते हैं तो कितना फर्क महसूस होता हे। यह गहराई की अनुभूति पे आधारित है। तो यही फायदा लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में रोबोटिक सर्जरी में मिलता है। साथ ही, इसके कैमरे भी हाई डेफिनिशन और १० गुना मैग्निफिकेशन देते हे, मतलब दस गुना ज़्यादा बड़ा पिक्चर दिखाई देता हे. मतलब जब भी हम ऑपरेशन करते है, तब कैमरा उतना नज़दीक ले जाकर इतनी सटीकता से छोटे छोटे अंग भी इतने बड़े देखकर इतनी सरलता से ऑपरेशन कर सकते हे जिसका अंत में फायदा दर्दी को होता हे।
4) रोबोटिक सर्जरी से दर्दी को क्या फायदे या लाभ होते हे?
- रोबोटिक सर्जरी में ऑपरेशन छोटे छोटे छेद के जरिए किया जाता है, जिससे मरीज को दर्द कम होता है, और दर्द कम होगा तो दर्द की दवाईया कम लेनी पड़ती हे।
- यह ऑपरेशन इतनी चौकसाई (सचोटता ) से होता हे की जिसके कारण आसपास के सामान्य अंगोमे नुकसान नहीं होता, और उसकी वजह से कम ब्लीडिंग होने के कारन खून चढाने की ज़रूरत कम हो जाती हे। पेहले कुछ ऑपरेशनों में हम नियमित रूप से खून चढ़ाते (रक्त-आधान) थे, खास रूप से कैंसर की बड़ी सर्जरी में। अब उसकी ज़रूर बिल्कुल कम हो गई हे।
- मरीज़ की रिकवरी बहुत फ़ास्ट हो जाती हे। जैसे पहले ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना करे तो ७ दिन में छुट्टी मिलती थी उसके बदले रोबोटिक सर्जरी में ५ दिन में छुट्टी मिल जाती हे। और इन्फेक्शन की मात्रा भी बहुत कम हो गई हे।
5) रोबोटिक सर्जरी से डॉक्टर्स को क्या फायदे होते हे?
- जीन उपकरणो का इस्तेमाल रोबोटिक सर्जरी में होता हे वो काफी लम्बे होते हे और फ्लेक्सिबल होते हे, जिससे हम उन जगहों पर पहुंच सकते हे जहा पहले हम नही पहुंच सकते थे या बड़ी मुश्किल से पहुँचते थे, जिसकी वजह से ऑपरेशन मुश्किल हो जाता था जो रोबोटिक सर्जरी से आसान हो जाता हे।
- ये ऑपरेशन बोहोत सटीक हे।
- तीसरी महत्वपूर्ण बात ये हे की रोबोटिक सर्जरी में जो टांके (स्यूचरिंग ) लगते हे वो प्रक्रिया बोहोत सटीक तरीके से होती हे। और टांके अगर सटीक तरीके से लगते हे तो लीकेज नहीं होता। क्युकी लीकेज ऑपरेशन के बाद काफी तकलीफ कर शकता है। और अब तो रोबोटिक सर्जरी में स्टेपलर्स का इस्तेमाल होता हे. वो फ़ास्ट भी होता हे और सटीक भी।
6) रोबोटिक सर्जरी कैसे होती हे?
रोबोटिक सर्जरी की प्रक्रिया नोर्मल ऑपरेशन की प्रक्रिया जैसी ही होती हे। वही ऑपरेशन थिएटर में होती हे. ऑपरेशन थिएटर की आसपास की सभी साधन-सामग्री वैसी ही होती हे। दैनिक रूप से जिस तरह मरीज़ को एनेस्थीसिया देते हे वैसे ही इस ऑपरेशन में भी देते हे। ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाले सर्जिकल असिस्टंट, नर्सिंग असिस्टंट सबकी पोजीशन मरीज़ के पास वैसी ही रेहती हे। फर्क सिर्फ इतना हे की सर्जन मरीज़ के पास खड़े रहने के बजाय पास में एक कंप्यूटर पर बैठता हे, जिसे सर्जन कंसोल कहा जाता हे। पहले तो एनेस्थीसिया देने के बाद मरीज़ के पेट में छोटे छोटे छिद्र करके रोबोटिक उपकरणको मरीज़ के शरीर में दाखिल किया जाता हे। फिर सर्जन कंसोल पर बैठकर कंप्यूटर को कमांड देता हे। उंगलियों की मूवमेंट्स से और पैर के पास जो बटन्स और कंट्रोल्स दिये गए हे उसका इस्तेमाल करके रियल टाइम में ये सभी संकेत मरीज़ के पेट में रखे गए रोबोटिक उपकरणों की टिप पर ट्रान्सफर होते हे। और वो भी रियल टाइम मे बिना विलम्बन(लेग) के। मतलब की सर्जन जैसे चाहे वैसे उपकरण अंदर घूमते हे। रोबोट के चार आर्म्स होते हे मतलब की चार उपकरण मरीज़ के शरीर में दाखिल किये जाते हे। इन चार उपकरण की मदद से सर्जन बोहोत अच्छा काम कर सकते हे।
7) कोनसे प्रकार की सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी की जा सकती हे?
शरीर के अलग अलग सिस्टम के हिसाब से अलग अलग प्रकार के रोबोट उपलब्ध हे। और बोहोत सारे अलग अलग कंपनी के रोबोट उपलब्ध हे। ब्रेन और स्पाईन के लिए अलग तरह के रोबोट उपलब्ध हे, हड्डियों के ऑपरेशन के लिए भी अलग तरह के रोबोट उपलब्ध हे। जिस तरह के रोबोट हम इस्तेमाल करते हे मतलब के पेट और छाती के ऑपरेशन में जो रोबोट इस्तेमाल होता हे वो एक जैसा ही होता हे। ये रोबोटिक सिस्टम २५ वर्षो से अमल में हे। और २५ वर्षो में इनमे बोहोत सरे बदलाव आये हे और इम्प्रूवमेंट आये हे। जैसे की कम्प्यूटर्स, हम जानते हे की पहले कम्प्यूटर्स कितने बड़े होते थे और अब कितने छोटे और ज़्यादा पावरफुल बन गए हे। हम जो सिस्टम इस्तेमाल कर रहे हे वो अभी सबसे उत्तम सिस्टम हे। ये अभी पूरी दुनिया में १८०० से ज़्यादा हॉस्पिटल्स में इनस्टॉल्ड हे। इसका उपयोग में अन्ननली, जठर, आंत , लिवर और अग्न्याशय(पेन्क्रियास) के ज़्यादातर कैंसर के ऑपरेशन में करता हु। मेरे साथी सर्जन्स किडनी, पेशाब की थैली, प्रोस्टेट, गर्भाशय के ऑपरेशन में इसका इस्तेमाल करते हे। छाती के ऑपरेशन जैसे की लंग्स और हार्ट के ऑपरेशन में भी इसका इस्तेमाल होता हे। ये एक ही तरह का रोबोट होता हे जो बॉडी कैविटी में काम करता हे। २५-३० % सर्जेरी रोबोट से हो सकती हे।
8) रोबोटिक सर्जरी की क्या मर्यादा हे?
- कुछ सर्जरी के लिए ये श्रेष्ठ हे, लेकिन कुछ सर्जरी में रोबोटिक सर्जरी का इस्तेमाल नहीं किया जाता जैसे की बड़े या एडवांस्ड ट्यूमर्स। इन केसीस में रोबोटिक सर्जरी से मरीज़ को फायदा नहीं होता. ऐसे ऑपरेशन हम ओपन सर्जरी करना ज़्यादा प्रेफर करते हे।
- रोबोटिक सर्जरी एक नई तकनीक हे. इसे सिखने में सर्जन को समय लगता है, उसके असिस्टंट को भी सीखना पड़ता हे और ऑपरेशन थिएटर के सभी स्टाफ को भी सीखना पड़ता हे। ये सिखने की प्रक्रिया कुछ महीनो से साल तक की होती हे। लप्रोस्कोपिक सर्जरी में ये सिखने की प्रक्रिया ज़्यादा लम्बी होती हे। जबकि रोबोटिक सर्जरी में सिखने की प्रक्रिया ज़्यादा लम्बी नहीं होती। क्युकी इस तकनीक में इतने सरे सुरक्षात्मक मैकेनिज्म हे की अगर आप कोई गलती करते हो तो वो आपको रोक देता हे जबकि लेप्रोस्कोपी में ऐसा नहीं होता। लेप्रोस्कोपी सर्जरी में अगर आप कोई गलती करते हो तो वो आपको रोकने के लिए कोई मेसेज नहीं आता जबकि रोबोटिक सर्जरी में अगर कोई गलती हो तो एरर मेसेज भी आता हे और वो रोक भी देता हे, मूवमेंट ही आगे नहीं बढ़ती।
- रोबोट के जो मशीन हे वो बोहोत मेहेंगे हे, और उनको संभालना भी मेहेंगा हे। इसलिए दुर्भाग्यपूर्ण उसका खर्च मरीज़ को चुकाना पड़ता हे। इसलिए रोबोटिक सर्जरी का खर्च सामान्य सर्जरी की तुलना में २०-२५ % बढ़ जाता हे। जिसके सामने इसके फायदे ये हे की मरीज़ को दर्द काम होता हे, रिकवरी बोहोत फ़ास्ट होती हे। वो ड्यूटी जल्दी जोइन कर सकता हे, उसके रिश्तेदार भी सामाजिक जिम्मेदारी में से जल्दी फ्री हो सकते हे, और वो लोग भी अपनी ड्यूटी जोइन कर सकते हे। अगर ओवरऑल फायदा देखने जाते हे तो खर्चा इतना बड़ा फैक्टर नहीं हे।
- और आखिर में ये एक मशीन हे। इसमें हजारो छोटे छोटे यंत्र जोड़े गए हे और ये सॉफ्टवेयर के माध्यम से चलता हे। इसमे सॉफ्टवेयर होता हे वो दैनिक रूप से अपडेट होता हे। कभी ऐसा हो सकता हे की इस सॉफ्टवेयर में या यंत्रो में कुछ खराबी आये और मशीन काम करना बांध करदे। ऐसा कभी मैंने देखा नहीं हे, या सुना नहीं हे, पर इस तरह की संभावना का हमें ध्यान हे। और ऐसा कुछ होने पर हम पहले से ही तैयार रहते हे।
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