जब डॉक्टर कैंसर या कोई भी असामान्य ग्रोथ (Growth) — जिसे पॉलीप्स (polyps) कहते हैं — के लक्षणों के लिए कोलन और रेक्टम की जाँच करते हैं, जो भविष्य में कैंसर बन सकता है, ऐसे एक परीक्षण को कोलन और रेक्टल कैंसर स्क्रीनिंग कहते हैं। यह उन लोगों में किया जा -ता है जिन कभी भी कोई लक्षण नहीं दिखे है या ऐसा कोई कारण नहीं है सोचने के लिए कि उन्हें कैंसर है या हो सकता है। इस परीक्षण करवाने का लक्ष्य यह है कि पॉलीप्स को कैंसर में बदल जाने या कैंसर होने से पहले ही निकाल दिया जाए, ताकि कैंसर बढ़ने, फैलने, या और गम्भीर समस्याओं का कारण बनने से पहले ही खोज लिया लिया जाए।
बृहदान्त्र और मलाशय पाचन तंत्र (आकृति) का अंतिम हिस्सा में होते हैं । जब डॉक्टर कोलन और रेक्टल कैंसर स्क्रीनिंग के बारे में बात करते हैं, तो वे “कोलोरेक्टल” शब्द का इस्तेमाल करते हैं। यह “बृहदान्त्र और मलाशय” कहने का एक छोटा तरीका है। सिर्फ कोलोन कैंसर स्क्रीनिंग भी कहते है।
अध्ययनों से पता चला है कि पेट के कैंसर की जांच करने से पेट के कैंसर से मृत्यु की संभावना कम हो जाती है। कई अलग-अलग प्रकार के स्क्रीनिंग टेस्ट हैं जो ऐसी जांच कर सकते हैं।