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अप्रैल महीना यानि एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह

एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह
एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह हर साल अप्रैल में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों में इस घातक बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना, इसके लक्षणों, जोखिम कारकों, निवारण, और उपचार विधियों की जानकारी प्रदान करने में समर्पित है।
एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह

एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह का महत्व Important facts

विश्वभर में, एसोफेजियल कैंसर आठवां सबसे आम कैंसर माना जाता है। 2020 के आंकड़ों के अनुसार, हर वर्ष लगभग 6 लाख नए मामले सामने आते हैं और इससे लगभग 5.4 लाख मौतें होती हैं। एसोफेजियल कैंसर के निदान में पांच में से चार मामले पुरुषों में पाए जाते हैं।
भारत में, एसोफेजियल कैंसर पांचवां सबसे आम कैंसर है। हर साल, इस बीमारी के कारण 70,000 नए मामले सामने आते हैं और लगभग 66,000 मौतें होती हैं।
 
हल्के बैंगनी रंग का रिबन इस मुहिम का प्रतीक है, जो सहानुभूति और समर्थन का संकेत देता है। इस साल का नारा “Close The Care Gap” है, जो हमें इस बात की याद दिलाता है कि सभी को समान रूप से देखभाल और उपचार की सुविधा प्राप्त होनी चाहिए।
एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह - What You Should Know

एसोफेजियल कैंसर (Overview)

एसोफेजियल कैंसर वह कैंसर है जो अन्नप्रणाली, यानी कि गले से पेट तक खाना पहुँचाने वाली नली में होता है। यह तब होता है जब अन्नप्रणाली की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बना देती हैं।
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Esophagus-Cancer-Locations
इस कैंसर के मुख्य दो प्रकार हैं:
 
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, जो अन्नप्रणाली के ऊपरी और मध्य भाग में आमतौर पर होता है, और एडेनोकार्सिनोमा, जो अन्नप्रणाली के निचले हिस्से में होता है। यह कैंसर खाने की नली की अंदरूनी परतों में शुरू होता है और धीरे-धीरे बाहरी परतों तक फैल सकता है।

एसोफेजियल कैंसर क्या है?

एसोफेजियल कैंसर क्यों होता है?

एसोफेजियल कैंसर के लक्षण Symptoms of Esophageal Cancer

एसोफेजियल कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों में शामिल हैं:
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⦿ निगलने में कठिनाई या असुविधा
⦿ खाने के बाद खांसी या गले में जलन
⦿ वजन घटना बिना किसी स्पष्ट कारण के
⦿ ऊपरी पेट में दर्द या जलन
⦿ खाना खाते समय असामान्य रूप से भूख न लगना

एसोफेजियल कैंसर के जोखिम कारक Risk Factors for Esophageal Cancer

इस कैंसर के विकास में योगदान देने वाले कई जोखिम कारक होते हैं:

⦿ धूम्रपान और तंबाकू का उपयोग
⦿ अधिक मात्रा में शराब का सेवन
⦿ गर्म लिक्विड्स का नियमित सेवन
⦿ अनहेल्दी आहार और मोटापा
⦿ बैरेट की एसोफेगस जैसी पूर्ववर्ती स्थितियाँ
⦿ अकलेज़िया कार्डिया

एसोफेजियल कैंसर के लिए स्क्रीनिंग Screening for esophageal cancer

स्क्रीनिंग की प्रक्रिया एसोफेजियल कैंसर के जोखिम की जल्दी पहचान और निदान में मदद करती है। स्क्रीनिंग के माध्यम से, अन्नप्रणाली में असामान्य कोशिकाओं का पता लगाया जा सकता है, जिनसे बाद में कैंसर विकसित हो सकता है।

⦿ उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए स्क्रीनिंग: जो लोग तंबाकू और अल्कोहल का सेवन करते हैं, या जिनके परिवार में एसोफेजियल कैंसर का इतिहास रहा है, उन्हें नियमित स्क्रीनिंग के लिए आगे आना चाहिए।

⦿ एंडोस्कोपी: यह एक प्रमुख स्क्रीनिंग परीक्षण है, जिसमें एक पतली ट्यूब जिसके अंत में कैमरा होता है, मुंह के रास्ते अन्नप्रणाली में डाली जाती है ताकि असामान्य कोशिकाओं का पता लगाया जा सके।

⦿ बैरेट एसोफेगस की स्क्रीनिंग: बैरेट एसोफेगस, एसोफेजियल कैंसर का एक पूर्ववर्ती स्थिति है। इसलिए, इस स्थिति के लिए नियमित स्क्रीनिंग से एसोफेजियल कैंसर के विकास की संभावना कम हो सकती है।

एसोफेजियल कैंसर का निदान Diagnosis of Esophageal Cancer

एसोफेजियल कैंसर का निदान विभिन्न परीक्षणों और प्रक्रियाओं के माध्यम से किया जाता है:

⦿ एंडोस्कोपी और बायोप्सी: यह निदान की मुख्य प्रक्रिया है, जिसमें कैंसरयुक्त कोशिकाओं को देखने और उनका नमूना लेने के लिए एंडोस्कोपी का उपयोग किया जाता है।

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⦿ इमेजिंग परीक्षण: CT स्कैन और PET स्कैन जैसे इमेजिंग परीक्षणों का उपयोग कैंसर के फैलाव का आकलन करने के लिए किया जाता है।

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एसोफेजियल कैंसर का इलाज Esophageal cancer treatment

एसोफेजियल कैंसर का इलाज रोगी की स्थिति और कैंसर के चरण के आधार पर तय किया जाता है:

⦿ सर्जरी: इस प्रक्रिया में, कैंसरयुक्त टिशू या पूरी अन्नप्रणाली को हटाया जा सकता है।

⦿ रेडियोथेरेपी: उच्च ऊर्जा विकिरण का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। यह अक्सर सर्जरी से पहले किया जाता है।

⦿ कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग। इसे अकेले या रेडियोथेरेपी के साथ मिलकर दिया जा सकता है।

⦿ पैलिएटिव देखभाल: यह रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए और लक्षणों को कम करने के लिए की जाती है।

⦿ स्टेंट: आहार के रास्ते को चोहड़ा करने के लिए, एंडोस्कोपी के द्वारा स्टेंट रखा जा सकता है ।

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Success Story

महिला की खाने की नली में एक ट्यूमर होने का पता चला। उन्हें दो महीने तक कीमोथेरेपी और विकिरण के संयोजन से उपचार दिया गया। इसके बाद ट्यूमर को हटाने के लिए ऑपरेशन किया गया। सर्जरी के बाद उनका स्वास्थ्य पहले से अब बेहतर है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों Frequently asked questions

एसोफेजियल कैंसर जागरूकता माह अप्रैल महीने में मनाया जाता है।
एसोफेजियल कैंसर जागरूकता का रंग हल्का बैंगनी होता है।
एसोफेजियल कैंसर का इलाज संभव है, खासकर अगर इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए। उपचार की सफलता कैंसर के प्रकार, चरण, रोगी की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति और कैंसर के प्रति उपचार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है। हालांकि, अगर कैंसर अधिक फैल चुका हो, तो इसे पूरी तरह से ठीक करना कठिन हो सकता है।
एसोफेजियल कैंसर का चरण 4 इस बीमारी का सबसे गंभीर चरण होता है। इस चरण में, कैंसर ने अन्नप्रणाली के आस-पास के ऊतकों और लिम्फ नोड्स को पार कर शरीर के दूरस्थ भागों में फैलना शुरू कर दिया होता है। इसमें उपचार का मुख्य उद्देश्य रोगी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और लक्षणों को कम करना होता है।

एसोफेजियल कैंसर को रोकने के लिए कुछ उपाय हैं, जैसे:

⦿ तंबाकू और धूम्रपान से दूर रहना।

⦿ अत्यधिक शराब का सेवन से बचना।

⦿ संतुलित आहार लेना जिसमें फल और सब्जियों की प्रचुर मात्रा हो।

⦿ मोटापे से बचने के लिए स्वस्थ वजन बनाए रखना।

⦿ बैरेट की एसोफेगस या अन्य पूर्ववर्ती स्थितियों के लिए नियमित जांच।

Picture of Dr. Harsh Shah

Dr. Harsh Shah

Dr Harsh Shah is a specialized esophageal cancer surgeon in Ahmedabad.
He is practising at Apollo Hospital, Ahmedabad.

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Dr. Harsh Shah

Dr Harsh Shah is a specialized esophageal cancer surgeon in Ahmedabad. He is practising at Apollo Hospital, Ahmedabad.

Dr. Harsh J Shah