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बच्चों में अपेंडिसाइटिस

15. बच्चों में अपेंडिसाइटिस blog 1

परिशिष्ट यानी के अपेंडिक्स (Appendix) एक लंबी, पतली थैली या नली है जो उंगली के आकार जैसी होती है। यह बड़ी आंत से नीचे लटकी रहती है, जिसे बृहदान्त्र या कोलन (Colon)भी कहा जाता है।

  • जब अपेंडिक्स संक्रमित हो जता हो, और उसमें सूजन आ जाती है, तब उसे अपेंडिसाइटिस कहते है। ऐसा होने पर, यह अपेंडिक्स (Appendix) सूज सकता है और, कुछ मामलों में, फट भी सकता है। यह बहुत खतरनाक है, क्योंकि जब आपका परिशिष्ट यानी के अपेंडिक्स (Appendix) फट जता हाई, तब वह पेट में संक्रमण का कारण बन सकता है।

    बच्चों और वयस्कों में अपेंडिसाइटिस हो सकता है। जब यह बच्चों में होता है, तो यह शिशुओं या छोटे बच्चों की तुलना में बड़े बच्चों और किशोरों को प्रभावित करने की अधिक संभावना है।

बच्चे की उम्र के आधार पर अलग-अलग प्रकार के लक्षण हो सकते हैं। निम्नलिखित लक्षण, सामान्य तौर पर देखे जाते हैं:

  • पेट दर्द – आमतौर पर, बड़े बच्चों और किशोर में, पेट दर्द सबसे पहला लक्षण दिखाई देता है। शुरुआत में, दर्द पेट के नाभि से की चारों ओर शुरू हो सकता है और फिर निचले पेट के दाईं ओर बढ़ सकता है। बच्चों का पेट दर्द, खांसी से आने पर और खराब हो जाता है। 
  • उल्टी होना 
  • बुखार/ज्वर – बुखार अक्सर 1 से 2 दिनों के बाद शुरू होता है।
  • भूख में कमी
  • हाँ। यदि आपके बच्चे में ऊपर सूचीबद्ध में  से कोई भी लक्षण दिखते हैं, तो अपने बच्चे के डॉक्टर को तुरंत बुलाएं। यदि आपके बच्चे को अपेंडिसाइटिस है, तो तुरंत इलाज करवाना ज़रूरी है।

शायद, हाँ। आपके बच्चे के डॉक्टर पहले लक्षणों के बारे में पूछेंगे, और एक परीक्षा करेंगे। उसके बाद ही, डॉक्टर बता सकते हैं कि क्या आपके बच्चे को बिना किसी परीक्षण के अपेंडिसाइटिस है।

यदि डॉक्टर आपने बताए लक्षणो से यह सुनिश्चित नहीं कर सकते, कि आपके बच्चे को अपेंडिसाइटिस है या नहि, तो वह निम्नलिखित में से एक या अधिक परीक्षण करवा सकते है:

  • रक्त परीक्षण
  • मूत्र परीक्षण
  • एक इमेजिंग टेस्ट (Test) जैसे कि अल्ट्रासाउंड Ultrasound) या सीटी स्कैन (C.T. Scan) – इमेजिंग परीक्षण शरीर के अंदर की तस्वीरें दिखती हैं।

कोई भी परीक्षण यह सुनिश्चित रूप से नहि बता सकते की यदि आपके बच्चे को अपेंडिसाइटिस है या नहि। लेकिन आपके बच्चे के परीक्षण के परिणाम, लक्षण और परीक्षा का उपयोग करके डॉक्टर यह तय कर सकते हैं कि आपके बच्चे को अपेंडिसाइटिस हो सकता है।

अपेंडिसाइटिस का मुख्य उपचार अपेंडिक्स (Appendix) को निकालने के लिए, की जाने वाली सर्जरी (Surgery) है। इस सर्जरी को 2 तरीकों से किया जा सकता है:

  • ओपन सर्जरी (Open Surgery) – एक खुली सर्जरी के दौरान, डॉक्टर अपेंडिक्स के पास एक कट बनाते हैं जो एपेंडिक्स को कात के बाहर निकलने के लिए खींचने के लिए काफी बड़ा होता है।
  • लेपरोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery) – लेपरोस्कोपिक सर्जरी के दौरान, डॉक्टर कुछ एकदम छोटी सी कटौती करता है जो ओपन सर्जरी में छेद की तुलना से बहुत ही छोटी होती हैं। फिर वह पेट में लंबे, पतले उपकरण जिसके एक के अंत में एक कैमरा — जिसे “लेप्रोस्कोप” (Laparoscope) कहा जाता है वह डालते हैं। यह कैमरा (“लेप्रोस्कोप”) टीवी स्क्रीन पर चित्र भेजता है। चिकित्सक स्क्रीन पर छवि देख सकता है जिससे उसे पता चलता हाई की कहाँ पे कटौती करना है, और कौन सा भाग निकालना है। फिर वह कटौती वाली सर्जरी करने के लिए कुछ लंबे साधनों का उपयोग करता है।

यदि आपके बच्चे का अपेंडिक्स फट गया है, तो आपके डॉक्टर सर्जेरी करके उसका अपेंडिक्स निकल देंगे। सर्जेरी के दौरान, डॉक्टर अपेंडिक्स फटने पर उससे बाहर निकलने वाली पदार्थ निकालने भी पड़ेंगे और उस भाग को धोनेके बाद, सफ़यी करेंगे। जब अपेंडिक्स फट ना गया हो, तब की जाने वाली सर्जेरी के प्रमाण से यह सर्जरी शायद अधिक जटिल हो सकती है! 

यदि आपके बच्चे का अपेंडिक्स फटने के बाद कुछ दिन बित चुके हैं तो हो सकता है कि आपके बच्चे की तुरंत सर्जरी न हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर कभी-कभी पेट के अंदर एक दीवार बनाता है, उस क्षेत्र को बंद करने के लिए जो अपेंडिक्स फटने पर संक्रमित हो जाता है। इस तरह के मामलों में, डॉक्टर पहले आपके बच्चे को एंटीबायोटिक (Antibiotic) दवाइयाँ के साथ इलाज करेंगे और उसे निरक्षण में रखेंगे। आपके डॉक्टर या तो एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) से आपके बच्चे को बेहतर महसूस करवाते हैं, या फिर वही दीवारों से बंद क्षेत्र में एक सुई डालके संक्रमित तरल पदार्थ को निकालने की प्रक्रिया करेंगे। यह उपचार आमतौर पर एक इमेजिंग परीक्षण साथ में किया जाता है, ताकि डॉक्टर यह देख सकें कि सुई कहाँ से अंदर डाली जाए। आपके डॉक्टर संक्रमण का इलाज करने के बाद ही वह सिफारिश कर सकते हैं कि आपके बच्चे की सर्जरी अब हो सकती है।

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Dr. Harsh J Shah

Exclusive Health Tips and Updates

Dr Harsh Shah - GI & HPB Oncosurgeon in India
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