...

यकृत कैंसर (Liver Cancer)

यकृत कैंसर 1

लिवर कैंसर (Liver Cancer) तब होता है जब जिगर (यानी के लिवर) में सामान्य कोशिकाएं, असामान्य कोशिकाओं में बदल जाती हैं, और नियंत्रण से बाहर हो वृद्धि होने लगती हैं। पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में स्थित, यकृत (यानी के  लिवर – Liver) एक बड़ा अंग होता है।

ज्यादातर लोग जिन्हें लीवर कैंसर होता है, उन्हें लंबे समय से यकृत की कोई बीमारी होती हाई है — जिसे  क्रोनिक लिवर डिसीज़ (chronic liver disease) भी कहा जाता है। लंबे समय तक लिवर की बीमारी होने से व्यक्ति के लीवर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। दीर्घकालिक जिगर की बीमारी का सबसे आम, और सबसे गंभीर रूप “सिरोसिस” (cirrhosis) नामक एक स्थिति है, जो जिगर पे ज़ख़्म के नासूर जैसे निशान (जिसे स्कार – Scar – कहते हैं) बनाता है।

आमतौर पर, लिवर कैंसर के कोई भी लक्षण नहीं होते हैं। कुछ रोगियों को ऊपरी पेट में एक गांठ या हल्का दर्द हो सकता है, जब वे खाने की कोशिश करते हैं, या जल्दी पेट भर जाने जैसा महसूस करते हैं, या फिर जब उनका वजन कम होता हैं।

और लोगों में कैंसर होने से पहले जिगर की बीमारी के कारण होने वाले लक्षण मेह्सूस हो सकते हैं। वे लक्षण कैंसर के कारण खराब हो सकते हैं या फिर से मेह्सूस हो सकते हैं। निम्न जैसे लक्षण होते है:

  • पेट या पैरों में सूजन होना
  • त्वचा या आंखों का सफेद भाग पीला पड़ जाना

यदि आपको यह लक्षण मेह्सूस होते हैं, तो अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं।

हाँ। यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपको लिवर कैंसर है, तो वह निम्नलिखित परीक्षणों में से 1 या अधिक करवाने को सूचित करेंगे:

  • रक्त टेस्ट यानी के ब्लड टेस्ट (Blood Test)
  • एक एमआरआई स्कैन (MRI), सीटी स्कैन (CT Scan), अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) या अन्य इमेजिंग परीक्षण – यह सभी इमेजिंग परीक्षण शरीर के अंदर की तस्वीरें बनाते हैं, और असामान्य वृद्धि दिखा सकते हैं।
  • बायोप्सी (Biopsy)- इस परीक्षण के लिए, एक डॉक्टर यकृत से ऊतक का एक छोटा सा नमूना निकालते हैं। एक दूसरे डॉक्टर माइक्रोस्कोप के तहत इस नमूना में निरीक्षण करेंगे कि इसमें कैंसर है या नहीं।
लिवर कैंसर स्टेजिंग (Cancer Staging) के तरीके में डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि, क्या ऊतक की उस परत में — जिसमें कि कैंसर शुरू हुआ था — वह ऊतक की परत से यदि कैंसर अधिक फैल गया है, और यदि – हां फैल गया है – तो — “कितनी दूर तक है फैल गया है?”।

लिवर कैंसर का इलाज अलग-अलग तरीकों से किया जा सकता है। उपचार आपके कैंसर किस चरण पर है उसपे निर्भर करता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपका लिवर कितना स्वस्थ है (दूसरे शब्दों में, कैंसर होने से पहले आपका लिवर रोग कितना गंभीर था)। विभिन्न उपचारों में शामिल हैं:

  • सर्जरी (Surgery) – लीवर कैंसर का इलाज कभी-कभी सर्जरी से किया जा सकता है जिसमें कैंसर वाले लीवर के हिस्से को निकालके हटाया जाता है।
  • लिवर ट्रांसप्लांट (Liver transplant) – लीवर ट्रांसप्लांट एक प्रकार की सर्जरी है, जिसमें डॉक्टर रोगग्रस्त लीवर को दूसरे व्यक्ति के स्वस्थ लिवर से प्रत्यरोपण करके बदल देते हैं।
  • एब्लेशन थेरेपी (Ablation therapy) – एब्लेशन थेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है जो यकृत में कैंसर कोशिकाओं को मार सकती है। इसमें सर्जरी नहीं करनी पड़ती है। डॉक्टर अलग-अलग तरीकों से एब्लेशन थेरेपी कर सकते हैं। वे गर्मी, लेजर, विकिरण चिकित्सा या सीधे कैंसर में विशेष एलकोहोल (alcohol) यानी के मद्यार्क का इंजेक्शन लगाकर कैंसर कोशिकाओं को मार सकते हैं।

 

  • कैंसर के रक्त की आपूर्ति को रोकना – डॉक्टर “एम्बोलिज़ेशन” (embolization) नामक एक प्रक्रिया कर सकते हैं, जिस में कैंसर को रक्त पहचाने वाली रक्त वाहिका को बंद कर दिया जाता है। इससे कैंसर को रक्त ना मिलने से “भूखे रहने” से उसको बढ़ने से रोकता है। कभी-कभी, एम्बोलिज्म प्रक्रिया को कीमोथेरेपी (chemotherapy) (“कीमोएम्बोलिज़ेशन” – chemoembolization) या विकिरण (“रेडियोएम्बोलाइज़ेशन” – radioembolization) के साथ में मिलकर किया जाता है।
  • कीमोथेरेपी (chemotherapy) – कीमोथेरेपी उन दवाओं के लिए चिकित्सा शब्द है जो कैंसर कोशिकाओं को मारते हैं या उन्हें बढ़ने से रोकते हैं।
  • इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) – यह उन दवाओं का नाम है जो कैंसर के विकास को रोकने के लिए शरीर के संक्रमण से लड़ने वाली प्रणाली (“प्रतिरक्षा प्रणाली”) के साथ काम करते हैं।

उपचार के बाद, आपको “कैंसर वापस आता है या नहीं”, यह देखने के लिए नियमित रूप से जाँच करवानी पड़ेगी। आमतौर पर नियमित अनुवर्ती परीक्षणों में टेस्ट (Tests), रक्त परीक्षण (रक्त टेस्ट यानी के ब्लड टेस्ट – Blood Test), और इमेजिंग परीक्षण किए जाते हैं।

आपको ऊपर सूचीबद्ध लक्षणों में से कोई मेह्सूस होता है उसके लिए भी ध्यान देना चाहिए। उन लक्षणों के होने का मतलब हो सकता है कि, — कैंसर वापस आ गया है। यदि आपको कोई लक्षण मेह्सूस होते है तो अपने डॉक्टर को तुरंत बताएं।

यदि आपने यकृत प्रत्यारोपण करवाया था, तो आपको अपने जीवन के बाकी चरण के लिए “विरोधी अस्वीकृति दवाओं” (anti-rejection medicines) नामक दवाएं लेने की आवश्यकता होगी। ये दवाएं आपके शरीर को आपके नए जिगर के विरुद्ध में बुरी तरह से प्रतिक्रिया करने से रोकने में मदद करती हैं।

यदि कैंसर वापस आता है या फैलता है, तो आपके डॉक्टर आपके साथ संभावित उपचार विकल्पों के बारे में बात करेंगे। इनमें से ऊपर सूचीबद्ध उपचार शामिल हो सकते हैं।

नियमित जाँच और परीक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर के सभी निर्देशों का पालन करना अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। उपचार के दौरान किसी भी दुष्प्रभाव या समस्याओं के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना भी महत्वपूर्ण है। जिन लोगों को लिवर कैंसर होता है, खासकर अगर उन्हें लंबे समय तक लिवर की बीमारी रह चुकी है, तो उन्हें अल्कोहल और ऐसी दवाओं को टालना चाहिए जो लिवर के लिए अत्यंत ही हानिकारक हो सकती हैं।

लिवर कैंसर का इलाज करवाने में कई विकल्पों का चयन करना होता है, जैसे कि कौनसे उपचार आपको करवाने हैं।

अपने डॉक्टरों को हमेशा बताएं कि, आप उपचार के बारे में कैसा महसूस कर रहे हैं। किसी भी समय आपको उपचार का सुझाव करते हैं, तो अवश्य पूछें:

  • इस उपचार के मेरा क्या लाभ हैं? क्या यह मुझे लंबे समय तक जीने में मदद करने की संभावना है? क्या यह लक्षणों को कम करेगा या रोकेगा?
  • इस उपचार के क्या कोई डाउनसाइड हैं?
  • क्या इस उपचार के अलावा कोई अन्य विकल्प हैं?
  • अगर मैंने इसका इलाज नहीं करवाया तो भविष्य में क्या होगा?
Facebook
Twitter
LinkedIn
WhatsApp
Email
Skype
Telegram
Rate this post
Dr. Harsh J Shah

OncoBot LogoOncoBot

👋 Hello! How can I help you today?

Exclusive Health Tips and Updates

Dr Harsh Shah - GI & HPB Oncosurgeon in India
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.