हाँ। डॉक्टर आपके लक्षणों के बारे में पूछेंगे, और एक परीक्षण भी करेंगे। वह एक या एक से अधिक परीक्षणों का भी आदेश दे सकते हैं। इनमें शामिल हो सकते हैं:
- एक्स-रे (X-ray) , सीटी स्कैन (CT scan) या पेट का अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – ये इमेजिंग परीक्षण हैं जो आपके शरीर के अंदर की तस्वीरें बनाते हैं। वे लक्षणों का कारण दिखाने में मदद कर सकते हैं।
- रक्त परीक्षण यानी के रक्त टेस्ट [ब्लड टेस्ट (Blood Test)] – ये शरीर में पर्याप्त पोषण नहीं होने के लक्षण दिखा सकते हैं। अथवा, यह कोई और रोग या स्थिति इन लक्षणों का कारण है यह भी खोज के बता सकती है।
- टेस्ट जिसे “एंडोस्कोपी (endoscopy)“, “ अपर (यानी ऊपरी) एंडोस्कोपी (upper endoscopy)“, “सिग्मोइडोस्कोपी (sigmoidoscopy)”, या “कोलोनोस्कोपी (colonoscopy)” कहा जाता है – इन परीक्षणों के लिए, डॉक्टर आपके — गले में से आपके पेट तक, या फिर आपके मलाशय में से होकर और आपके कोलन में — एक पतली ट्यूब डालते हैं। इस ट्यूब में एक कैमरा लगा होता है जिससे डॉक्टर आपके शरीर के अंदर देख सकते हैं।
ट्यूब में, इसके साथ जुड़े उपकरण भी होते हैं, जिनका उपयोग डॉक्टर ऊतक या टिश्यू (tissue sample) के नमूने लेने के लिए कर सकते हैं। ये नमूने, कोई भी समस्याओं की जाँच के लिए प्रयोगशाला में भेजे जा सकते हैं।
- “एंजियोग्राम” (angiogram) नामक एक परीक्षण – इस परीक्षण के लिए, डॉक्टर एक डाई इंजेक्ट करते हैं, उन वाहिकाओं में जो आंत्र में रक्त ले जाती हैं। इमेजिंग टेस्ट जैसे सीटी (CT), एमआर (MR), या फ्लोरोस्कोपी (fluoroscopy) (एक चलती एक्स-रे) के उपयोग करके इस डाई को देखा जा सकता है।
यह सभी परीक्षण दिखा सकते हैं कि — क्या आंत्र के चारों ओर की धमनियां में कोई अवरुद्ध है या नहीं। यदि वे अवरुद्ध हैं, तो यह आंत्र का कौनसे हिस्सा को पर्याप्त रक्त प्राप्त करने से रोक के रक्खा है।
- लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy) – यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो डॉक्टर ऑपरेटिंग रूम में करते हैं। पेट के नाभि के पास डॉक्टर एक छोटा सा चिर लगातें हैं। फिर वह उस चिरे के माध्यम से शरीर के अंदर “लैप्रोस्कोप” (Laparoscope) नामक एक छोटा उपकरण डालतें हैं। डॉक्टर लेप्रोस्कोप के माध्यम से यह देखतें हैं कि, क्या वह लक्षणों का कारण खोज सकते हैं या नहीं।