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कोलोन पॉलीप्स

कोलोन पॉलीप्सके टॉप डॉक्टर

कोलन पॉलीप्स (Colon Polyps) छोटे आंत्र में ऐसे कुछ उत्पत्ति होती हैं जो बड़ी आंत के अंदर (जिसे बृहदान्त्र यानी के कोलन के नाम से भी जाना जाता है) के रूप में होते हैं। पॉलीप्स होना बहुत आम घटना हैं। अक्सर, एक-तिहाई या आधे से अधिक सभी वयस्कों जिनकी आयु 50 वर्ष या उससे अधिक होती है, उनको कोलन पॉलीप्स (Colon Polyps) होता ही है। आमतौर पर कोलन पॉलीप्स (Colon Polyps) के कोई ख़ास लक्षणों नहीं हैं। लेकिन कुछ पॉलीप्स भविष्य में कैंसर बन जा सकते हैं, इसलिए डॉक्टर कभी-कभी उन्हें निकाल देते हैं।

  • आमतौर पर कोलन पॉलीप्स (Colon Polyps) के कोई भी लक्षणों नहीं दिखते हैं।

आमतौर पर डॉक्टर जबजब कोलन (Colon) या रेक्टल कैंसर (Rectal Cancer) की जाँच के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट कर रहे होते हैं तब उनको कोलन पॉलीप्स दिखते हैं। 

जो परीक्षण किसी व्यक्ति में कैंसर के लक्षण होने या दिखने से पहले किया जा रहे हों जिससे कैंसर जल्दी खोज लिया जाए, उसे कैंसर स्क्रीनिंग परीक्षण कहते हैं। बृहदान्त्र या कोलन (Colon) और गुदा यानी के रेक्टल कैंसर (Rectal Cancer) के लिए निम्नलिखित स्क्रीनिंग टेस्ट हैं:

  • कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy) – कोलोनोस्कोपी करने से पहले, आपको शिथिलीकृत करने में मदद के लिए दवाई दी जाएगी। फिर डॉक्टर आपके गुदा में एक पतली ट्यूब डालेंगे और इसे आपके कोलन (आकृति) में आगे बढ़ाएँगे। ट्यूब में एक कैमरा लगा होता है, जिससे डॉक्टर आपके कोलन के अंदर देख सकते हैं। ट्यूब में अंत में नन्हें उपकरण भी होते हैं, जिससे डॉक्टर पॉलीप सहित ऊतक के टुकड़े भी निकाल सकते हैं। पॉलीप्स को हटा दिए जाने के बाद, वे आमतौर पर कैंसर और अन्य समस्याओं के लिए परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में भी भेजे जाते हैं।
  • सिग्मायोडोस्कोपी (Sigmoidoscopy) – सिग्मायोडोस्कोपी कोलोनोस्कोपी के बहुत समान होती है। इन दोनो में अंतर केवल इतना है कि यह परीक्षण में केवल बृहदान्त्र / कोलन के पहले या अग्र भाग देखते हैं, और कोलोनोस्कोपी सम्पूर्ण बृहदान्त्र / कोलन को देखते हैं।
  • सीटी कॉलोनोग्राफी CT colonography [जिसे वर्चुअल कॉलोनोस्कोपी (virtual colonoscopy) भी कहा जाता है] – वर्चुअल कॉलोनोस्कोपी के लिए, आपके पास एक विशेष प्रकार का एक्स-रे लिया जाता है, जिसे “सी.टी. स्कैन” (C.T. Scan) कहा जाता है। यह परीक्षण बृहदान्त्र / कोलन  के चित्र बनाता है।
  • मल परीक्षण – “स्टूल (Stool)” यह “मल त्याग” के लिए समानार्थी शब्द है। मल के नमूनों में रक्त या असामान्य जीन्स (Genes) के लिए स्टूल टेस्ट की जाँच करवायी जाती है। यदि मल परीक्षण में सूचित होता है कि बृहदान्त्र / कोलन के साथ कुछ गलत हो सकता है, तो डॉक्टर आमतौर पर तुरंत कोलोनोस्कोपी करवाने का सुझाव देते हैं। उससे, यदी पॉलीप्स उस स्थान पर हैं, तो डॉक्टरों को दिखायी देते हैं।
  • कैप्सूल कोलोनोस्कोपी – शायद ही कभी, आपके डॉक्टर “कैप्सूल” कॉलोनोस्कोपी (Capsule Colonoscopy) करवाने की सलाह दे सकते हैं। इस परीक्षण में, आप एक विशेष कैप्सूल निगलते हैं जिसमें छोटे वायरलेस वीडियो कैमरे लगाया होता है।
  • जिन उपकरणो का प्रयोग करके डॉक्टर कोलोनोस्कोपी करेट हैं, उसी का उपयोग करके से वह आपके पॉलीप्स को हटाते हैं। 

    वे या तो एक विशेष काटने के उपकरण का उपयग करके पॉलीप्स को काट देंगे, या एक फंदे यानी के नोज (Noose)में पॉलीप्स को पकड़कर पॉलीप्स को निकल देते हैं। अधिकांश पॉलीप्स कोलोनोस्कोपी के दौरान हटाया दिया जा सकता है। लेकिन कभी-कभी, बड़े पॉलिप्स को निकलने की प्रक्रिया बाद में करनी पड़ती है।

अधिक पॉलीप्स की जांच करवाने के लिए आपको हर कुछ वर्षों में कोलोनोस्कोपी करवाने की आवश्यकता रहती है। कुछ लोगों में पॉलीप्स वापस आ जाते हैं। और यदि, आपको ऐसे पॉलीप्स हैं जो कैंसर में बदल जा सकते हैं, तो आपके डॉक्टर उन्हें जैसे दिखाई देंगे, वैसे तुरंत ही निकल देना का निश्चय करेंगे। और यही नहीं, अगर आपके निकाले गए पॉलीप्स जो की कैंसर बन सकते थे, तो आपके परिवार के अन्य सदस्यों को भी पॉलीप्स और कोलोन कैंसर की तुरंत जाँच की आवश्यकता हो सकती है। आपकी परीस्थिति के आधार पर, आपके डॉक्टर आनुवंशिक परीक्षण यानी के जिनेटिक टेस्टिंग (Genetic Testing) करवाने का सुझाव दे सकते हैं। यह परीक्षण यह दिखा सकता है कि क्या आपके परिवारों में पॉलीप्स से संबंधित ऐसे कोई असामान्य जीन (Gene) हैं या नहीं। 

पॉलीप्स या कोलन कैंसर होने की संभावनाओं को कम करने के लिए:

  • ऐसा आहार लें जो वसा यानी के चरबी (Fats) में कम हो और फल, सब्जियों, और फाइबर से भरपूर हो
  • अधिक वजन होने पर वजन कम करें
  • धूम्रपान ना करें
  • आपके द्वारा पी जाने वाली शराब की मात्रा को सीमित करें
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Dr. Harsh J Shah