हर व्यक्ति की जांच के आधार पर ऑपरेशन की योजना
जठरांत्र और लिवर-पैंक्रियास कैंसर सर्जरी में निरंतर कार्य
निर्णय प्रक्रिया में हर चरण की सटीक जानकारी और पारदर्शिता
हर माह के चौथे सप्ताह में उपलब्ध रहते हैं।
मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज और जी.बी. पंत हॉस्पिटल, दिल्ली
निगलने में परेशानी और वजन घटना इसके आम लक्षण हैं। इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, एंडोस्कोपिक स्टेंटिंग और इम्यूनोथेरेपी शामिल है।
भूख कम लगना, पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। उपचार में गैस्ट्रेक्टॉमी सर्जरी, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी शामिल होती है।
पीलिया, भारीपन और वजन घटना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इलाज में हेपेटेक्टॉमी, लिवर ट्रांसप्लांट, TACE, RFA, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी शामिल है।
पीलिया, खुजली और भूख में कमी देखी जाती है। इलाज में क्युरेटिव सर्जरी, बाइलरी बायपास, स्टेंटिंग, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी शामिल हैं।
पीलिया, वजन घटना और पेट दर्द इसके लक्षण हैं। उपचार में Whipple सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और पेन मैनेजमेंट शामिल होता है।
मल में खून, पेट दर्द और कब्ज आम लक्षण हैं। इलाज में सर्जरी (LAR/TME), कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी शामिल है।
सूजन, अपच और रुकावट इसके संकेत हो सकते हैं। उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और न्यूट्रिशनल सपोर्ट शामिल होता है।
पेट दर्द और ब्लीडिंग इसके सामान्य लक्षण हैं। इलाज में सर्जरी और टार्गेटेड थेरेपी (इमैटिनिब जैसी दवाएं) प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
पेट में सूजन और भारीपन महसूस होता है। सर्जरी के साथ HIPEC, PIPAC, कीमोथेरेपी और पेन कंट्रोल उपायों का उपयोग किया जाता है।
हार्मोनल बदलाव, पेट दर्द और डायरिया जैसे लक्षण हो सकते हैं। इलाज में सर्जरी, SSA (Octreotide), PRRT, और टार्गेटेड थेरेपी शामिल है।
निगलने में परेशानी और वजन घटना इसके आम लक्षण हैं। इलाज में सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, एंडोस्कोपिक स्टेंटिंग और इम्यूनोथेरेपी शामिल है।
भूख कम लगना, पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षण हो सकते हैं। उपचार में गैस्ट्रेक्टॉमी सर्जरी, कीमोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी शामिल होती है।
पीलिया, भारीपन और वजन घटना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इलाज में हेपेटेक्टॉमी, लिवर ट्रांसप्लांट, TACE, RFA, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरेपी शामिल है।
पीलिया, खुजली और भूख में कमी देखी जाती है। इलाज में क्युरेटिव सर्जरी, बाइलरी बायपास, स्टेंटिंग, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी शामिल हैं।
पीलिया, वजन घटना और पेट दर्द इसके लक्षण हैं। उपचार में Whipple सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी और पेन मैनेजमेंट शामिल होता है।
मल में खून, पेट दर्द और कब्ज आम लक्षण हैं। इलाज में सर्जरी (LAR/TME), कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी शामिल है।
सूजन, अपच और रुकावट इसके संकेत हो सकते हैं। उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और न्यूट्रिशनल सपोर्ट शामिल होता है।
पेट दर्द और ब्लीडिंग इसके सामान्य लक्षण हैं। इलाज में सर्जरी और टार्गेटेड थेरेपी (इमैटिनिब जैसी दवाएं) प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
पेट में सूजन और भारीपन महसूस होता है। सर्जरी के साथ HIPEC, PIPAC, कीमोथेरेपी और पेन कंट्रोल उपायों का उपयोग किया जाता है।
हार्मोनल बदलाव, पेट दर्द और डायरिया जैसे लक्षण हो सकते हैं। इलाज में सर्जरी, SSA (Octreotide), PRRT, और टार्गेटेड थेरेपी शामिल है।
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We came from Rajasthan and were looking for best colorectal Surgeon in Ahmedabad. We met Dr Harsh and were impressed with his attitude. Robotic surgery was done and we went back home in few days. Thanks to Dr Harsh..
Absolutely impressed. The staff was fantastic and the best part Dr harsh shah is outstanding. He had done colon cancer treatment of my mother. Now she is fine. I would highly recommend Dr harsh shah best colorectal surgeon in Ahmedabad. Thank you all.
Hi my aunty had carcinoma of stomach. Dr harsh with their superb team performed whipple procedure. After 7 days of exceptional care we got discharged. And about 4 months later I am writing review. Now patient is full fine. she is recovering very well. Thank you so much for the difference you make in the lives of your patients! Your kindness, sincere caring, and concern make everything better and are a great encouragement.
पेट में दर्द या बेचैनी, भूख में कमी, वज़न घटना, पीलिया (त्वचा और आँखों का पीला होना), मल में खून आना, उल्टी, और लगातार थकान।
शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण, इमेजिंग परीक्षण (जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, पीईटी स्कैन), एंडोस्कोपी, और बायोप्सी।
सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, लक्षित चिकित्सा, और इम्यूनोथेरेपी।
धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन, मोटापा, अस्वास्थ्यकर आहार, परिवार में कैंसर का इतिहास, और कुछ पुरानी बीमारियाँ (जैसे हेपेटाइटिस और क्रोहन रोग)।
रिकवरी का समय इलाज के प्रकार, सर्जरी की जटिलता, और मरीज की सामान्य स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। आम तौर पर, कुछ हफ़्तों से लेकर कई महीनों तक लग सकते हैं।
हर माह के चौथे सप्ताह में उपलब्ध रहते हैं।
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