गुदा पाचन तंत्र का अंतिम हिस्सा है, जहां मल त्याग शरीर को छोड़ देता है। जब यही गुदा के अंदर की सामान्य कोशिकाएं की परत असामान्य कोशिकाओं में बदल जाती हैं और नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं तब उसे गुदा कैंसर कहते हैं।

  • आम तौर पर, शुरूवत में गुदा / एनल (Anal) कैंसर के कोई भी लक्षण दिखायी नहीं देते। जिनको गुदा कैंसर हुआ हो, उन लोगों में कुछ निम्नलिखित लक्षण दिखायी देते हैं:

    • उनके गुदा से रक्तस्राव
    • उनकी गुदा में या उसके आसपास दर्द होना
    • उनकी गुदा में कोई विशेष प्रकार के ऊतक जैसा विकास या वृद्धि होना 
    • उनके गुदा में खुजली होना

    गुदा कैंसर के अलावा और भिन्न प्रकार की स्थितियों या रोग में ऐसी सभी लक्षण दिखायी दे सकते हैं। किंतु, यदि आपको ऐसे कोई भी लक्षण महसूस या दिखायी दिए हैं, तो आप तुरंत अपने डॉक्टर से जाँच करवाएँ।

हाँ। गुदा कैंसर की जांच के लिए, आपके डॉक्टर आपकी गुदा के भीतर जाँचके देखने के लिए “डिजिटल रेक्टल एग्जाम” (digital rectal exam) केरंगे। यह डिजिटल रेक्टल एग्जाम (digital rectal exam) के दौरान, आपका डॉक्टर गांठ या कुछ भी असामान्य महसूस करने के लिए आपकी गुदा और मलाशय के भीतर में अपनी दस्ताना यानी के ग्लव (glove) वाली उँगली डाल के देखेंगे। 

आपके डॉक्टर के अनुसार, निम्नलिखित परीक्षणों में से 1 या अधिक करवाना ज़रूरी हो सकता है:

  • एनोस्कोपी (Anoscopy) – एनोस्कोपी के दौरान, डॉक्टर आपके गुदामार्ग और मलाशय के अंत में से प्रकाशवाली एक छोटी नली यानी ट्यूब (Tube) (जिसे “एनोस्कोप” (Anoscope) कहा जाता है) डालके जाँच करंगें। वह भीतर के क्षेत्रों में कोई गांठ या कुछ भी असामान्य विकास को देखने का प्रयत्न करंगे।
  • बायोप्सी (Biopsy) – आपके डॉक्टर, गुदा से ऊतक यानी के टिश्यू (tissue) का एक छोटा सा नमूना निकाल के जाँच करंगे। फिर उस नमूने को एक माइक्रोस्कोप के तहत डॉक्टर परीक्षण करेंगे की उसमें कैंसर है या नहीं।

डॉक्टरों को कभी-कभी गुदा में जाँच दरमियाँ खोजते वक़्त, ऐसी कोशिकाएँ दिख जाती हैं, जो तभी कैंसर वाली नहीं होती हैं, लेकिन असामान्य होती हैं और आगे जाकर कैंसर में बदल जाने की सम्भावना होती है। आपके डॉक्टर इन “प्री-कैंसर” (Pre-Cancer) कोशिकाओं का इलाज विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। 

यह कोशिकाएँ कैन्सर में परिवर्तित हो जाएँ उसके पहले आपके डॉक्टर उनको निकल सकते हैं, जिससे आगे कैन्सर होने की सम्भावना ख़त्म हो जाए। इसके बाद, कुछ समय के लिए आपके डॉक्टर इनहि कोशिकाएँ पर नियमित रूप से ध्यान रखेंगे।

  • कैंसर स्टेजिंग पद्धति में डॉक्टर यह पता लगाते हैं कि, क्या कैंसर जहां यह शुरू हुआ था उस ऊतक की परत के आर-पार फैल गया है या नहीं। और यदि फैल गया है, तो कितनी गहरायी या क्षेत्र तक फैल गया है।

    इसी प्रकार, आपके लिए जो भी सही उपचार होगा वह आपके गुदा कैंसर के चरण, और आपकी अन्य चिकित्सा समस्याओं पर निर्भर रहेगा।

गुदा कैंसर वाले अधिकांश लोगों का इलाज इन दो प्रकार के तरीक़ों से किया जाता सकता है:

  • रेडीएशन थेरपी (Raditation Therapy) – रेडीएशन थेरपी से कैंसर कोशिकाओं को सकते हैं।
  • कीमोथेरेपी – कीमोथेरेपी में ऐसी ख़ास दवाओं का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को मिटाया जा सकता हैं, अन्यथा उन्हें बढ़ने से रोकते हैं।

कभी-कभी सर्जरी (surgery) से गुदा कैंसर का इलाज किया जाता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को सर्जरी (surgery) की जरूरत नहीं होती। अगर कीमोथेरेपी और रेडिएशन के बाद उनका कैंसर मिट जाए तो लोगों को सर्जरी की जरूरत नहीं है।

उपचार के बाद, आपका कैंसर फिर से शुरू हुआ या वापस आया हो या नहीं हुआ हो, यह जान्ने के लिए नियमित तौर पर जाँच करवानी पड़ेगी।  इस जाँच के लिए डिजिटल रेक्टल एग्जाम (digital rectal exam)  और एनोस्कोपी (anoscopy) जैसी परिक्षण करवानी पड़ती है। कुछ लोगों को नियमित जाँच के लिए इमेजिंग परीक्षण भी करावानी पड़ सकती हैं। इमेजिंग परीक्षण आपके शरीर के अंदर की तस्वीरें बनाते हैं।

इसके अलावा, आप ख़ुद ऊपर दाढ़साए गए लक्षणो के लिए आपनी ख़ुद पर ध्यान रख सकते हैं। अगर इन में से कोई भी लक्षण फिर से लौट आए, तो शायद आपका कैंसर फिर से लौट आया हो, इसकी सम्भावना हो सकती है। इस स्थिति में, आप तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाँच करवाने के लिए चले जाएँ।

यदि कैंसर वापस आता है या फैलता है, तो आपको सर्जरी या फिर से कीमोथेरेपी की आवश्यकता हो सकती है। 

जिनको भी यह एनल (Anal) कैंसर समस्या हुई हो, उन्होंने डॉक्टर के पास जाँच के लिए समयसर, और नियमित तौर पर जाना चाहिए। अगर आपको और कोई दुष्प्रभाव या समस्याओं की कभी तक्लीफ़ महसूस हुई हो तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएँ।

एनल (Anal) कैंसर के इलाज के लिए एक से ज़्यादा विकल्प है और सबसे ज़रूरी बात यह है की, आप कौनसे इलाज का तारिका चुनते हैं।

अपकी जो भी चिकित्सा जारी है, उससे आपको कैसे महसूस हो रहा है, यह आपके डॉक्टर को नियमित रूप से बताएँ। जो भी चिकित्सा आपको सुझायी गयी हो, उसके बारे में आप निम्नलिखित प्रश्न अवश्य करें:

इस उपचार के मुझे क्या लाभ होगा? क्या इससे मेरा जीवन आयुष्य का समयकाल बढ़ने किस संभावना है? क्या यह लक्षणों को कम केरने या रोकने में सफल हो सकता है?

इस उपचार की कोई कमियां या कोई नुक़सान हैं?

क्या इस उपचार के अलावा कोई अन्य विकल्प हैं?

अगर मैंने यह इलाज नहीं करवाया तो आगे क्या होगा?

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